वो शोर का समुन्दर आज बेजुबाँ नज़र आता है, दौड़ते पहियों का ठहरना ये खामोश मंज़र वो शोर का समुन्दर आज बेजुबाँ नज़र आता है, दौड़ते पहियों का ठहरना ये खा...
जिन्दगी का एक हिस्सा बन जाएँगे, शायद जीने का सलीका भी सिखाएँगे जिन्दगी का एक हिस्सा बन जाएँगे, शायद जीने का सलीका भी सिखाएँगे
वक़्त की हर थपेड़ों को सहना जिंदगी की सच्चाई बन गई। वक़्त की हर थपेड़ों को सहना जिंदगी की सच्चाई बन गई।
चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं, पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों। चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं, पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों।
क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है. क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है.
हर शख्स यहाँ उदास मुखौटे पहन जीता है हर शख्स यहाँ उदास मुखौटे पहन जीता है